Shakti Dubey with his Father

प्रयागराज की बेटी ने रचा इतिहास! Shakti Dubey बनीं यूपीएससी 2024 की ‘सुपर टॉपर’

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के शांत शहर प्रयागराज से एक ऐसी खबर आई है, जिसने पूरे देश में सनसनी मचा दी है! Shakti Dubey, एक साधारण पृष्ठभूमि की असाधारण प्रतिभा, ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा 2024 में अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम स्थान हासिल कर लिया है! यह उपलब्धि इसलिए भी और बड़ी हो जाती है क्योंकि यह शक्ति का पांचवां प्रयास था, सात वर्षों की अथक तपस्या के बाद उन्होंने आखिरकार सफलता का शिखर छू लिया है!

सात साल की तपस्या, पांचवां प्रयास और फिर… नंबर वन!

Shakti Dubey की यह जीत किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। सेंट मैरी कॉन्वेंट, घूरपुर से स्कूली शिक्षा और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी करने के बाद, उन्होंने बीएचयू से जैव रसायन में एमएससी किया। विज्ञान की दुनिया से निकलकर, उन्होंने यूपीएससी के लिए राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध जैसे जटिल विषयों को चुना, जो उनकी विलक्षण प्रतिभा और रणनीतिक सोच का प्रमाण है।

लेकिन यह राह आसान नहीं थी। शक्ति ने पहले चार प्रयासों में हार नहीं मानी। तीन बार प्रारंभिक परीक्षा पास करने के बाद भी जब अंतिम सूची में नाम नहीं आया, तो शायद कोई और टूट जाता। लेकिन शक्ति नहीं टूटीं! उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा, अपनी रणनीति को बदला और पांचवें प्रयास में वो कर दिखाया जो आज हर यूपीएससी aspirant का सपना है – पहला स्थान!

पिता पुलिस में, मां गृहणी – साधारण परिवार की असाधारण बेटी!

शक्ति के पिता, देवेंद्र दुबे, उत्तर प्रदेश पुलिस में एक सब-इंस्पेक्टर हैं, और उनकी मां, प्रेमा दुबे, एक गृहणी हैं। एक साधारण परिवार से आने वाली शक्ति की इस असाधारण सफलता ने यह साबित कर दिया है कि सपने किसी पृष्ठभूमि के मोहताज नहीं होते, अगर उनमें लगन और मेहनत का दम हो। शक्ति हमेशा अपने माता-पिता को अपनी प्रेरणा और अटूट समर्थन का स्रोत मानती हैं।

प्रयागराज में जश्न का माहौल, हर जुबान पर शक्ति का नाम!

जैसे ही शक्ति दुबे की ऐतिहासिक जीत की खबर प्रयागराज पहुंची, पूरे शहर में जश्न का माहौल छा गया। परिवार, दोस्त, शिक्षक और पड़ोसी सभी खुशी से झूम उठे। हर कोई इस असाधारण बेटी की उपलब्धि पर गर्व कर रहा है, जिसने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से प्रयागराज का नाम पूरे देश में रोशन कर दिया है।

टियर-2, टियर-3 शहरों के लिए उम्मीद की किरण!

शक्ति दुबे की यह सफलता सिर्फ उनकी व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि यह उन लाखों युवाओं के लिए एक उम्मीद की किरण है जो छोटे शहरों से आते हैं और बड़े सपने देखते हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि यदि सही दिशा में लगातार प्रयास किया जाए, तो यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को भी क्रैक किया जा सकता है। उनकी वैज्ञानिक पृष्ठभूमि ने उन्हें जटिल समस्याओं को हल करने और विश्लेषणात्मक क्षमता विकसित करने में मदद की, जो यूपीएससी के विशाल पाठ्यक्रम को समझने के लिए बेहद जरूरी है।

शक्ति दुबे की यह कहानी मेहनत, लगन और कभी न हार मानने वाले जज्बे की एक प्रेरणादायक गाथा है, जो आने वाले कई वर्षों तक यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों को प्रेरित करती रहेगी!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *