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हर्षद मेहता: The Big bull

Harshad Mehta एक भारतीय बिजनेसमैन और स्टॉक ब्रोकर थे, जिन्हें “द बिग बुल” के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने 1990 के दशक में भारतीय शेयर बाजार में एक बड़े घोटाले में फंस गए।

मेहता का जन्म 29 जुलाई 1954 को राजकोट, गुजरात में हुआ था। उन्होंने मुंबई के लाला लाजपत राय कॉलेज से बी.कॉम किया। कॉलेज के बाद, उन्होंने कुछ सालों तक एक विक्रेता के रूप में काम किया, लेकिन जल्द ही उन्होंने शेयर बाजार में अपना करियर बनाने का फैसला किया।

1980 के दशक में, मेहता ने एक छोटा सा स्टॉक ब्रोकरेज फर्म शुरू किया। उन्होंने अपने ग्राहकों को शेयरों में निवेश करने की सलाह दी, और उन्होंने अक्सर अपने स्वयं के धन का भी निवेश किया। मेहता की सलाह बहुत ही सफल रही, और उनके ग्राहकों ने बहुत पैसा कमाया।

1990 के दशक की शुरुआत में, भारतीय शेयर बाजार में एक अभूतपूर्व उछाल आया। मेहता ने इस उछाल का लाभ उठाया, और उन्होंने अपनी स्टॉक ब्रोकरेज फर्म को एक बड़े निवेश बैंक में बदल दिया। मेहता ने शेयरों में बड़े पैमाने पर निवेश किया, और उन्होंने बहुत पैसा कमाया।

हालांकि, मेहता का उछाल जल्द ही समाप्त हो गया। 1992 में, उन्होंने एक बड़े घोटाले में फंस गए। मेहता ने बैंकों से गलत तरीके से पैसे उधार लिए थे, और उन्होंने उन पैसों को शेयरों में निवेश किया था। जब घोटाला सामने आया, तो मेहता को गिरफ्तार कर लिया गया।

मेहता को 7 साल जेल की सजा सुनाई गई। उन्होंने 2001 में जेल से रिहा होने के बाद कुछ साल और जीए, लेकिन 2001 में उनकी मृत्यु हो गई।

हर्षद मेहता एक विवादास्पद व्यक्ति थे, लेकिन उन्होंने भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने शेयर बाजार को एक आम आदमी के लिए भी सुलभ बनाया, और उन्होंने भारतीय शेयर बाजार को एक वैश्विक मंच पर ला दिया।

 

 

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